इंडिया न्यूज, लखनऊ:
CID Inspector Asks for 10 Lakh Bribe: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में क्राइम ब्रांच-क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट के एक इंस्पेक्टर ने दरोगा से 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी लेकिन रिश्वत नहीं मिलने पर दरोगा के साथ 3 अन्य पुलिस वालों के खिलाफ इंस्पेक्टर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। आरोप है कि एटीएम लूट केस में पकड़े दो आरोपियों को झूठा फंसाया गया है, लेकिन शुक्रवार को मामला उस वक्त पलट गया जब सीबीसीआईडी के दरोगा ने ही 2 इंस्पेक्टर और उनके सहयोगियों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में क्रास रिपोर्ट दर्ज करवा दी। इस पर एडीजी सीबीसीआईडी दावा शेरपा का कहना है कि मामला गंभीर है, जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
2018 में अलीगंज में हुई थी दरोगा नेपाल सिंह की पोस्टिंग CID Inspector Asks for 10 Lakh Bribe
गोमतीनगर विस्तार थाने में तैनात दरोगा नेपाल सिंह की पोस्टिंग वर्ष 2018 में अलीगंज थाने में हुई थी। पोस्टिंग के दौरान उन्होंने एटीएम लूटने के प्रयास में मनीष मिश्रा और इरफान नाम के आरोपियों को गिरफ्तार किया था। दोनों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करके आरोप तय कर दिया गया था। 2018 में जमानत मिलने के बाद दोनों ने शासन में प्रार्थना पत्र देकर अपने खिलाफ केस की जांच सीबीसीआईडी में ट्रांसफर करवा लिया था जहां इसकी जांच इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी को मिली थी।
नेपाल सिंह के मुताबिक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी और जांच में उनके साथ सब इंस्पेक्टर वीरभान और कांस्टेबल मिथिलेश गिरी भी थे। 16 मार्च 2020 को इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी ने तीनों को बयान के लिए सीबीसीआईडी के जवाहर भवन स्थित कार्यालय में बुलाया था।
चार्जशीट को झूठा बताकर मांगी थी घूस CID Inspector Asks for 10 Lakh Bribe
नेपाल सिंह के बयान के अनुसार सीबीसीआईडी कार्यालय पहुंचने पर इंस्पेक्टर आजाद सिंह केशरी ने आरोप लगाया कि मनीष मिश्रा और इरफान को झूठा फंसाया गया था। इसलिए अब जांच में तीनों पुलिसवालों को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ केस दर्ज करवाएंगे। नेपाल सिंह ने आरोप लगाया है कि कार्रवाई से बचाने के बदले में 16 मार्च 2020 को केशरी ने उनसे 10 लाख रुपए मांगे थे, लेकिन रुपए देने से इनकार करने पर गालियां देकर आॅफिस से बाहर कर दिया और जल्दी रुपए लेकर आने को कहा था।
पुलिस की जांच में मिली क्लीनचिट CID Inspector Asks for 10 Lakh Bribe
दरोगा नेपाल सिंह के ने कहा है कि केशरी उन पर रुपए के लिए दबाव बनाने लगे। लेकिन रुपए नहीं मिलने पर अप्रैल 2020 में नेपाल, वीरभान और मिथिलेश के खिलाफ अलीगंज थाने में ही एफआईआर दर्ज करवा दी थी। अलीगंज पुलिस ने इसकी जांच करके तीनों को क्लीनचिट दे दी, लेकिन आजाद सिंह केशरी रुपयों के लिए उनके पीछे पड़े रहे।
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