इंडिया न्यूज, प्रयागराज:
Double Decker Boat Between Ganga Yamuna प्रयागराज में मां गंगा और यमुना की जलधारा के बीच सात फेरे लेने के लिए डबल डेकर नाव को तैयार किया गया है। इसमें सभी तरह के संस्कार विधि विधान से पूरे कराए जाएंगे। लोग इस डबल डेकर बोट पर बर्थडे पार्टी का लुत्फ उठा रहे हैं तो तमाम परिवार पिकनिक के लिए भी पूरी बोट बुक कर रहे हैं। लोगों में इसका क्रेज बढ़ रहा है।
अनूठी पहल करते हुए डबल डेकर नाव तैयार की Double Decker Boat Between Ganga Yamuna
गऊघाट में रहने वाले राजन निषाद और बच्चा निषाद ने अनूठी पहल करते हुए डबल डेकर नाव तैयार की है। इस पर शादी विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत, अन्नप्रासन जैसे संस्कार कराने की सुविधा है। सभी संस्कारों में मां गंगा यमुना के साथ भगवान भास्कर साक्षी रहेंगे। सनातन परंपरा और प्राकृतिक वातावरण से जोड़ने वाली यह पहल जल पर्यटन को नया स्वरूप देने वाली है। सभी आयोजन दिन या रात कभी भी अपनी सुविधा के अनुसार किए जा सकेंगे। राजन बताते हैं कि बोट पर एक साथ 60 लोग आ सकते हैं लेकिन कोविड प्रोटोकाल के तहत सिर्फ 25 लोगों को शामिल कराया जाएगा। नाव पर संस्कार पूरे कराने के बाद यदि परिवार चाहता हैं तो भोजन व अन्य प्रक्रिया यमुना तट पर पूरी कराई जा सकेगी।
शिकारा की तर्ज पर शुरूआत Double Decker Boat Between Ganga Yamuna
बच्चा निषाद ने बताया कि श्री नगर की डल झील में चलने वाली शिकारा की तर्ज पर संगमनगरी में डबल डेकर नाव चलाने का विचार आया। इसे तरह तरह की झालरों, अलग अलग फूलों, साड़ी व गुब्बारों से सजाया गया है और सभी संस्कार कराने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं भी की गई हैं। मसलन फेरे लेने के लिए नाव के प्रथम तल पर व्यवस्था है जबकि कोहबर जैसी परंपरा को निभाने के लिए निचले तल पर एक स्थान तय किया गया। डीजे, लाइटिंग, लोगों के बैठने के लिए सोफे के साथ कचरा प्रबंधन का भी इंतजाम है ताकि नदी में किसी तरह की गंदगी नहीं जाने पाए। इस सुविधा को लेने के लिए प्रतिव्यक्ति 100 रुपये खर्च करना होगा।
नाव से मिलेगा प्राकृतिक नजारा Double Decker Boat Between Ganga Yamuna
डबल डेकर बोट पर आयोजन के दौरान प्राकृतिक नजारा भी मिलेगा। यह कभी गंगा तो कभी यमुना दर्शन कराएगा। कभी पुराने यमुना पुल के नीचे तो कभी नए पुल के पास से गुजरेगा। सूर्य के अस्त होने से लेकर उदय होने तक की मनोरम छटा भी इससे देखी जा सकेगी। किले की प्राचीर के साथ दूर देश से आए पक्षी भी आयोजनों के साक्षी बनेंगे।