(Gonda Ranganath ji’s fair was organized in Vrindavan, pulling the chariot leads to bankuntha) उत्तर भारत का सबसे अधिक लोकप्रिय गोंदा रंगनाथ जी (Gonda Ranganath) का मेला वृन्दावन के रंगनाथ मंदिर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर भगवान रंगनाथ को चन्दन के रथ में विराजमान कर शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमे लाखो श्रद्धालुओं ने रथ खींच कर पुण्य कमाया।
खबर में खास:
- रंगनाथ जी का मेला वृन्दावन के रंगनाथ मंदिर में आयोजित किया गया
- भगवान रंगनाथ को चन्दन के रथ में विराजमान कर शोभा यात्रा निकाली गई
- लाखो श्रद्धालुओं ने रथ खींच कर पुण्य कमाया
रथ की ऊंचाई 56 फीट है
इस मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र चन्दन की लकडियों से बना सैकड़ों वर्ष पुराना रथ है। इस रथ की ऊंचाई 56 फीट है। जोकि वर्ष में सिर्फ एक ही बार निकाला जाता है। इस रथ पर विराजमान होकर भगवान रंगनाथ लाखो श्रद्धालुओं को दिव्य दर्शन देते हुए वृन्दावन की कुञ्ज गलियों में शोभा यात्रा निकली है।
श्रद्धालुओं ने रथ खीच कर वृन्दावन भ्रमण करवाया
इस रथ के दर्शन करने आये श्रद्धालुओं ने रथ खीच कर अपने आराध्य को वृन्दावन भ्रमण करवाया और स्वयं को धन्य कर लिया। हर वर्ष ही रंगनाथ जी की शोभायात्रा इसी दिव्य रथ पर निकलती है। साथ ही श्रद्धालु इस रंगनाथ जी के रथ को अपने हाथो से खीचकर अपने को धन्य समझते है।
रथ को खीचने पर बैंकुण्ठ की प्राप्ति होती है
मान्यता के अनुसार रथ को खीचने पर बैंकुण्ठ की प्राप्ति होती है। वहीं इस मेले के लिए देश भर से बढ़ी संख्या में भक्त वृंदावन आते है और प्रसिद्ध रथ के मेले का आनंद लेते है। इस बार इस मेले में सबसे आगे हाथी की सवारी के साथ बैंड बाजों की धुनों पर लोग जमकर नाचते गाते हुए चल रहे थे। वहीं इस मेले को मंदिर द्वारा कई दिन पहले से तयारी की जाती है।
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