इंडिया न्यूज, मुजफ्फरनगर/बिजनौर।
Hadarpur Wetland : जैव विविधता से दुनिया को लुभाने वाले हैदरपुर वेटलैंड को रामसर स्थल के रूप में मान्यता मिल गई है। यह देश का 47वां और उत्तर प्रदेश का 10वां स्थल होगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। उड़ीसा की चिल्का झील, मध्य प्रदेश का भोज वेटलैंड और राजस्थान की सांभर झील भी रामसर स्थल में शामिल हैं।
जैव विविधता का केंद्र (Hadarpur Wetland)
गंगा और सोलानी नदी के बीच छह हजार हेक्टेयर में फैले हैदरपुर वेटलैंड जैव विविधता का केंद्र बना हुआ है। वर्ष 2018 में पहली बार यह क्षेत्र वन अफसरों की नजर में आया। दो साल पहले ही इसे रामसर साइट घोषित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया। कोरोना के कारण पिछले साल रामसर कमेटी में इस प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी थी, लेकिन इस बार रामसर कमेटी में शामिल तमाम देशों ने हैदरपुर वेटलैंड को रामसर साइट घोषित करने पर मुहर लगा दी।
क्या है रामसर साइट (Hadarpur Wetland)
ईरान के शहर रामसर में दो फरवरी सन 1971 को एक सम्मेलन हुआ। इसमें शामिल राष्ट्रों ने वेटलैंड के संरक्षण से संबंधित एक समझौता हुआ और यह 21 दिसंबर 1975 से प्रभाव में आ गया। रामसर स्थल की परिभाषा के अनुसार वेटलैंड ऐसा स्थान है, जहां वर्ष में कम से कम आठ माह पानी भरा रहता हो और 200 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों की मौजूदगी रहती हो।
(Hadarpur Wetland)