इंडिया न्यूज, कानपुर।
Hallett Hospital in Constant Headlines : कानपुर का हैलट अस्पताल लगातार सुर्खियों में है। अस्पताल में दलालों, छात्रों के फर्जी एडमिशन और सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस के झमेले में फंसे प्राचार्य डॉ संजय काला के लिए नया सिर दर्द ऑर्थोपैडिक विभाग बन रहा है। एक मरीज ने इलाज के नाम पर ठगी का आरोप विभाग पर लगाया है। मरीज का कहना है कि पैर के ऑपरेशन में प्लेट डाली नहीं और 15 हजार वसूल लिए। प्राचार्य ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक जांच कमेटी बना दी है। प्राचार्य संजय काला ने माना कि यह मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। (Hallett Hospital in Constant Headlines)
जूनियर डॉक्टर ने उसे पर्ची लिख कर दे दी (Hallett Hospital in Constant Headlines)
आलोक रंजन तिवारी ने बताया कि बाइक से एक्सीडेंट की वजह से वह चल नहीं पा रहा था। हैलट के ऑर्थोपैडिक विभाग में 7 मार्च को डॉ. चंद्र शेखर की यूनिट में भर्ती हुआ था। तमाम जांचों के बाद डॉ. चंद्र शेखर ने उसे ऑपरेशन कराने और फ्रीमर प्लेट इंप्लाट कराने की सलाह दी। इसके बाद जूनियर डॉक्टर ने उसे पर्ची लिख कर दे दी। 9 मार्च को आलोक ने इसके लिए 15 हजार रुपए जमा करा दिए। इसके बाद 10 मार्च की सुबह उसका ऑपरेशन किया गया। 15 मार्च को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। साथ ही उसे 7 दिन बाद टांके कटवाने के लिए आने को कहा गया। टांके कटवाने के बाद भी वह इलाज करवाता रहा।
सिर्फ दो स्क्रू लगा दिए (Hallett Hospital in Constant Headlines)
इसके बाद भी उसके पैर की तकलीफ कम नहीं हुई। इस पर उसने 22 अप्रैल को एक प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया, साथ ही उन्हें पूरी बात बताई। इस पर डॉक्टर ने ऑपरेशन कराया, तो पता चला कि उसके पैर में प्लेट डाली ही नहीं गई। उसकी जगह सिर्फ दो स्क्रू लगा दिए गए थे। आलोक रंजन ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को एक पत्र लिख कर पूरे मामले के बारे में बताया। साथ ही एक्स-रे भी संलग्न किया है। उसने मांग की है कि इस मामले में जांच कर दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाए। इससे किसी दूसरे व्यक्ति के साथ इस तरह से ठगी न की जा सके।
(Hallett Hospital in Constant Headlines)
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