इंडिया न्यूज, कानपुर:
Kanpur Central Bank Locker Case : कानपुर सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की कराचीखाना शाखा के लाकर को तोड़कर करोड़ों के जेवरात पार करने की घटना के मास्टर माइंड बैंक मैनेजर और लाकर इंचार्ज ही निकले। लाकर से गायब ज्वैलरी के खुलासे को लेकर पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस संबंध में पूरी जानकारी दी। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल और एसपी पूर्वी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि जब एसआइटी ने जांच शुरू की तो बैंक के रजिस्टर व अन्य रिकार्ड में असमानताएं मिली। सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो बैंक मैनेजर राम प्रसाद, लाकर इंचार्ज शुभम मालवीय व लाकर कंपनी का चंद्रप्रकाश व तीन अन्य लाकर रूम में जाते दिखाई दिए। इस सनसनीखेज वारदात में बैंक मैनेजर, लाकर इंचार्ज और लाकर कंपनी के कर्मचारी शामिल थे। पुलिस ने बैंक मैनेजर, लाकर कंपनी का कर्मचारी और उसके दो सहयोगियों को हिरासत में लिया है। बताया कि यह वारदात निष्प्रयोज्य लाकर काटने के दौरान अंजाम दी गई। साथ ही यह भी बताया है कि उसे इस काम के लिए 300 ग्राम सोना दिया गया था, जिसमें उसने दक्षिण क्षेत्र के कुछ ज्वैलर्स को बेच दिया था। पुलिस इन ज्वैलर्स पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। (Kanpur Central Bank Locker Case)
पुलिस में शिकायत की थी (Kanpur Central Bank Locker Case)
14 मार्च को मंजू भट्टाचार्य नाम की एक महिला लाकर धारक ने पुलिस में शिकायत की थी, कि उनके तीस लाख रुपये कीमत के जेवर लाकर से चोरी हो गए हैं। एक के बाद ऐसे आठ और मामले सेंट्रल बैंक की कराचीखाना शाखा में सामने आए, जबकि गुरुवार को फूलबाग की बैंक आफ इंडिया शाखा से भी एक लाकर से 45 लाख रुपये के जेवर चोरी होने का मामला प्रकाश में आया था। पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर रामप्रसाद, लाकर संचालन करने वाली कंपनी के कर्मचारी चंद्रप्रकाश, उसके दो साथी करकराज व राकेश को हिरासत में पूछताछ की है ।
10 से 12 लाकर में मिले जेवर, रिकार्ड में चढ़ाए केवल तीन (Kanpur Central Bank Locker Case)
चंद्रप्रकाश ने पुलिस को बताया कि 9 दिसंबर को कौन-कौन से लाकर के ताले उसने तोड़े थे। उसने बताया कि उस दिन 29 लाकर तोड़े गए थे, जिनमें से दस से बारह लाकरों में जेवरात निकले थे, मगर बैंक के रिकार्ड में केवल तीन लाकर से जेवर निकलने की बात सामने आई है। चंद्रप्रकाश से पूछताछ में यह भी सामने आया कि उस दिन उसने 29 लाकर ही तोड़े थे, लेकिन निष्प्रयोज्य लाकर नंबर के स्थान पर एक्टिव लाकर वाले लाकर तोड़ डाले गए। यानी, तोडऩा था लाकर नंबर 100, लेकिन तोड़ा लाकर नंबर 110। मगर, रिकार्ड में लाकर नंबर 100 तोडऩा ही दर्शाया गया और दिखा दिया गया कि उसमें कुछ भी सामान बरामद नहीं हुआ।
तार से जाना किस लाकर में कितना सोना (Kanpur Central Bank Locker Case)
बैंक लाकर काफी गहराई में बने होते हैं। लिए पुलिस ने बताया कि किस लाकर में कितना सोना है, इसका अंदाजा लगाने के लिए आरोपियों ने साइकिल के रिम में लगे लोहे की पतली तार का इस्तेमाल किया होगा। तार को चाबी के रास्ते अंदर डाला गया। तार के अंदर जाने से वह अंदर रखे सामान से टकराया, जिससे अंदाजा लगा किया कि कितनी गहराई तक जेवर रखे हुए हैं या लाकर खाली है। जिनमें ज्यादा जेवर होने का अंदाजा हुआ, उन्हें ही तोड़ा गया।
(Kanpur Central Bank Locker Case)
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