इंडिया न्यूज, कानपुर:
Kanpur Triple Murder: डॉक्टर सुशील कुमार उम्र 50 वर्ष के फ्लैट से बरामद हुई एक डायरी में लिखे गए कई पेज के नोट में कुछ इसी तरह की बातें लिखी हैं। पुलिस ने इस नोट को अपने कब्जे में ले लिया है। इस नोट के मुताबिक पुलिस यह दावा कर रही है कि डॉ. सुशील बहुत अधिक डिप्रेशन में थे। वह कोविड महामारी के कारण बहुत ही ज्यादा तनाव में थे। उनको यह लगता था कि अब किसी का भी जीवन नहीं बचेगा। इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। नोट में जिस तरह की बातें लिखी हैं उससे आशंका है कि वह तीनों को मारकर खुद आत्महत्या करने के प्रयास में हैं। पुलिस उनकी तलाश में लगी है।
सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर जा रहा हूं…अलविदा Kanpur Triple Murder
सुशील ने आगे नोट में लिखा है… मैं अपने परिवार को कष्ट में नहीं छोड़ सकता। सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर जा रहा हूं। सारे कष्ट एक ही पल में दूर कर रहा हूं। अपने पीछे किसी को कष्ट में नहीं देख सकता था। मेरी आत्मा कभी मुझे माफ नहीं करती। अलविदा…
परिवार को खत्म करके खुद को भी खत्म कर रहा हूं… Kanpur Triple Murder
सुुशील ने लिखा है कि …अपनी लापरवाही के चलते कॅरियर के उस मुकाम पर फंस गया हूं, जहां से निकलना असंभव है। मेरा कोई भविष्य नहीं रहा। मैं होशोहवास में अपने परिवार को खत्म करके खुद को भी खत्म कर रहा हूं। इसका जिम्मेदार और कोई नहीं है। मैं लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हो रहा हूं। आगे का भविष्य कुछ नजर नहीं आता। अत : इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं रहा। आंखों की लाइलाज बीमारी की वजह से यह कदम उठाना पड़ रहा है। पढ़ाना मेरा पेशा है, जब आंखें ही नहीं रहेंगी तो मैं क्या करूंगा।
एक साल से डिप्रेशन में था डॉक्टर सुशील Kanpur Triple Murder
सुशील और सुनील दोनों जुड़वा भाई हैं। सुनील ने बताया कि एक साल पहले सुशील ने उनसे कहा था कि वह डिप्रेशन में है। जिसका वह इलाज करवा रहा है। हालांकि उसने यह नहीं बताया था कि इलाज कहां से चल रहा है। वहीं डिप्रेशन में अन्य किसी तरह की कोई कभी हरकत की हो उस बारे में भी कोई भी रिश्तेदार नहीं बता सके।
पत्नी का सिर और कूंचा बच्चों का गला घोंटा Kanpur Triple Murder
सुशील कुमार ने हथौड़े से चंद्रप्रभा का सिर कूंचा। जिस तरह से सिर क्षत विक्षत था उससे स्पष्ट है कि जब तक चंद्रप्रभा की सांसें थम नहीं गईं तब तक उन पर वार करता रहा। वहीं शिखर और खुशी का गला घोंटा गया था। चंद्रप्रभा शिवराजपुर स्थित एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका थीं। शिखर दिल्ली के कैड इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। बेटी वुडबाइन स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई कर रही थी।