इंडिया न्यूज, लखनऊ :
Maulana Mufti Arshad of Deoband यूपी की जेलों में बंदियों का व्यवहार और मनोदशा सुधारने के लिए महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र का पाठ सुनाने के सरकारी फरमान जारी हुआ है। इसी फरमान पर देवबंद के उलमा ने एतराज किया है। देवबंद के मौलाना मुफ्ती अरशद उलमा का कहना है कि यह सेक्युलरिज्म के खिलाफ है। क्योंकि जेलों में एक ही धर्म के बंदी नहीं हैं।
हिंदुस्तान के सेक्युलरिज्म के खिलाफ है Maulana Mufti Arshad of Deoband
फतवा आनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी का कहना है कि कारागार और होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जेल में बंदियों में बदलाव के लिए जो नई व्यवस्था शुरू कराई है, यह हिंदुस्तान के सेक्युलरिज्म के खिलाफ है। क्योंकि हमारा संविधान सभी को अपने मजहब के मुताबिक जिंदगी जीने का अधिकार देता है। ऐसे में अगर किसी जेल में सरकार की तरफ से ऐसे मंत्र जो किसी खास मजहब का खास हिस्सा हो उसको सुनाया जाए या पढ़ाया जाए तो यह उन अधिकारों के खिलाफ है।
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