इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Shivpal Singh Yadav took blessings of Mulayam Singh Yadav समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर सोमवार को चाचा और भतीजे में एकता होने की उम्मीदें लगाए लोगों को निराशा हाथ लगी। नेताजी के जन्मदिन के मौके पर बेटे अखिलेश यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ आने की बातें हो रही थीं, लेकिन ये अटकलें गलत साबित हुईं।
अखिलेश यादव लखनऊ स्थित पार्टी के मुख्यालय में मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद लिया तो वहीं शिवपाल यादव राजधानी से दूर सैफई में केक काटकर नेताजी का जन्मदिन मनाया। हालांकि शाम को शिवपाल सिंह यादव मुलायम सिंह का आशीर्वीद लेने और शुभकामनाएं देने लखनऊ में उनके आवास पर पहुंचे।
मुलायम सिंह के पैर छूकर आर्शिवाद लिया Shivpal Singh Yadav took blessings of Mulayam Singh Yadav
सैफई से लखनऊ लौटे प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार की शाम अपने बड़े भाई व सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के आवास पर पहुंच कर उनसे मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। शिवपाल ने मुलायम के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। इससे पहले सैफई में शिवपाल सिंह यादव ने केक काटकर नेताजी का जन्मदिन मनाया।
उन्होंने इस दौरान सभा को भी संबोधित किया। कहा कि समाजवादी पार्टी को एक हफ्ते के अंदर गठबंधन या विलय का फैसला ले लेना चाहिए। वे गठबंधन या विलय करने को तैयार हैं। अगर एक हफ्ते के अंदर ऐसा नहीं होता है तो फिर वे लखनऊ में सम्मेलन करके अपने लोगों से राय लेकर फैसला लेंगे।
2003 में हम सीएम बन सकते थे पर नेताजी को बनवाया Shivpal Singh Yadav took blessings of Mulayam Singh Yadav
शिवपाल सिंह ने कहा कि हम अपने समर्थकों के लिए 100 सीटें चाहते थे लेकिन हम अब पीछे हट गए। हम ही झुक गए, आज दो साल हो गए यह बात कहे हुए लेकिन कोई बात अभी तक फाइनल नहीं हुई। उन्होंने पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशुल यादव के लिए भी कहा कि उनको यहां पर दंगल में आना चाहिए था लेकिन वे नहीं आए।
अंशुल यादव को हराने के लिए जिला पंचायत चुनाव में कितनी ताकतें लगी थीं, लेकिन हमारे दम पर ही अंशुल यादव निर्विरोध हो गए। हमने हमेशा त्याग किया, हम चाहते तो वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन मैंने नेताजी को दिल्ली से बुलाकर मुख्यमंत्री बनवाया था। दूसरी पार्टियों के 40 विधायक इकट्ठा किए थे, उस समय 25 विधायक भाजपा के भी हमारे साथ थे। अजीत सिंह, कल्याण सिंह हमारे साथ थे। हम मुख्यमंत्री बन सकते थे।
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