इंडिया न्यूज, लखनऊ।
STF came Close to the Gangster who Leaked the Paper : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2021 का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के बाद एसटीएफ की जांच पेपर लीक करने वालों पर केंद्रित हो गई है। एसटीएफ के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं, जिनके आधार पर गहनता से छानबीन की जा रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि पेपर लीक मामले की जांच के साथ ही इस मामले में आरोपितों के विरुद्ध दर्ज मुकमदों की विवेचना भी एसटीएफ ही करेगी।
संदिग्धों से पूछताछ (STF came Close to the Gangster who Leaked the Paper)
एसटीएफ की अलग-अलग टीमें लखनऊ, मथुरा, कौशाम्बी, प्रयागराज, अयोध्या व अन्य जिलों में 15 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही हैं। कई वांछित आरोपितों की तलाश की जा रही है। बिहार के नालंदा निवासी साल्वर गिरोह के सरगना राजन को भी खोजा जा रहा है। एसटीएफ पीपर लीक किए जाने को लेकर परीक्षा संचालित कराने वाली एजेंसी की भूमिका की छानबीन में जुट गई है। प्रयागराज स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से कई जानकारियां जुटाई गई हैं।
छानबीन जारी (STF came Close to the Gangster who Leaked the Paper)
एसटीएफ खासकर इस बात की छानबीन कर रही है कि पेपर सबसे पहले कहां से लीक हुआ था। अब तक की जांच में मथुरा से वाट्सएप के जरिये पेपर लीक होने की बात सामने आई है, लेकिन इसके पुख्ता प्रमाण नहीं जुटाए जा सके हैं। एसटीएफ अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर उस व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रही है, जिसने सबसे पहले पेपर लीक किया था। (STF came Close to the Gangster who Leaked the Paper)
सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ की एक टीम प्रयागराज के शंकरगढ़ निवासी अजय देव सिंह पटेल की भी तलाश कर रही है। अजय के जरिये ही पेपर पांच लाख रुपये में परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराने की बात सामने आई है।
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