(Water crisis looms once again in the state): उत्तराखंड (Uttarakhand) में बिजली और पानी दोनों का ही संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बता दें, राज्य में जल स्रोतों के सूखने की वजह से एक बार फिर सरकार की चिंता बढ़ने लगी है।
- सरकार ने गंभीरता से चिंतन करना शुरू कर दिया
- पहाड़ी क्षेत्रों को चिन्हित किया
सरकार ने गंभीरता से चिंतन करना शुरू कर दिया
ग्रीष्मकालीन आते ही देश दुनिया सहित उत्तराखंड में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। जहां जल स्रोतों के सूखने की खबर इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। जिससे की बिजली और पानी दोनों का ही संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
ऐसे में सरकार की चिंताएं बढ़ना भी लाजमी है। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर गंभीरता से चिंतन करना भी शुरू कर दिया है, और अन्य विकल्पों के द्वारा पानी की किल्लत को भी दूर किया जा रहा है।
पहाड़ी क्षेत्रों को चिन्हित किया
पेयजल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में हमने ऐसे स्थान चिन्हित कर लिए हैं, जहां पर ऐसी समस्या रहती है। लेकिन हम पूरी तरह से प्रयासरत हैं और इस तरह की समस्या बिल्कुल भी पनपने नहीं देंगे।
जिससे कि आम जनमानस को पानी के लिए जूझना पड़े। वहीं मैदानी क्षेत्रों में भी हमने ऐसे मौहल्ले चिन्हित कर लिए हैं जहां पर पानी की समस्याएं बनी रहती है। लेकिन हमारे पास पर्याप्त टैंकर मौजूद हैं। जिनसे हम इन मौहल्लों में पानी पहुंचा सकते हैं ताकि ऐसी कोई समस्या उत्पन्न न हो।
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